Thursday, 26 February 2015

ख़त से खुला ट्रेन में शौचालय का दरवाज़ा

भारतीय रेलवे
भारत में रेल के डिब्बों में शौचालय लगाने के पीछे एक दिलचस्प वाक़या है.
कहा जाता है कि 1909 में पश्चिम बंगाल के एक यात्री ओखिल चंद्र सेन ने रेलवे स्टेशन को एक चिट्ठी लिखी थी.
इसमें उन्होंने शिकायत की थी कि वह लघुशंका के लिए गए थे और इसी दौरान उनकी ट्रेन उन्हें छोड़ कर चली गई.
लेकिन सेन की चिठ्टी के बाद सभी डिब्बों को इस सुविधा से जोड़ा गया.
असल में पहले ट्रेनों में शौचालय नहीं हुआ करते थे और वर्ष 1891 में केवल फ़र्स्ट क्लास के डिब्बों को इस सुविधा से जोड़ा गया था.

भारतीय रेलवे का संक्षिप्त इतिहास

भारतीय रेलवे
रेल में पहली यात्राः 16 अप्रैल 1853 को मुंबई के तत्कालीन बोरी बंदर स्टेशन (अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के लिए चली इस ट्रेन में लगभग 400 लोगों ने सफर किया. रेल का यह पहला सफर करीब 34 किलोमीटर लंबा था.
सबसे पुराना लोकोमोटिव इंजनः हैरिटेज ट्रेन ‘फ़ेयरी क्वीन’ में लगे दुनिया के सबसे पुराने भाप इंजन का निर्माण 1855 में ब्रितानी कंपनी किटसन ने किया था. साल 1997 के बाद इस ट्रेन को हैरिटेज़ ट्रेन के रूप में चलाया जाने लगा.
भारतीय रेलवे
टॉय ट्रेनः 4 जुलाई 1881 को पूर्वोत्तर में पहली बार आधिकारिक तौर पर यह ‘खिलौना रेल’ चली. ये ट्रेन दो फ़ुट चौड़े नैरो गेज ट्रेक पर दौड़ती है और इसे यूनेस्को से वर्ल्ड हैरिटेज़ साइट का दर्जा प्राप्त है. ये खिलौना ट्रेन भारत के सबसे ऊंचे रेलवे स्टेशन घूम तक जाती है.
रेल नेटवर्क का बंटवाराः 14 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान का बंटवारा होने के साथ ही रेल नेटवर्क भी दोनों देशों के बीच बंट गया. अब भारत और पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन समझौता एक्सप्रेस चलती है. जबकि कोलकाता और ढाका के बीच मैत्री एक्सप्रेस 40 साल बाद फिर 2008 में शुरू हुई.
भारतीय रेलवे
राष्ट्रीयकरणः 1951 से पहले भारतीय रेलवे के नेटवर्क में 40 से अधिक सिस्टम थे. आज़ादी के चार साल बाद इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया. अभी यह लगभग 14 लाख कर्मचारियों के साथ दुनिया में सबसे ज़्यादा रोज़गार देने वाला विभाग है.
भारतीय रेल
सबसे तेज़ ट्रेनः वर्ष 1988 में दिल्ली और भोपाल के बीच शताब्दी एक्सप्रेस शुरू की गई. इसकी रफ़्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा थी. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जन्मशती पर इसे शुरू किया गया था.
ऑनलाइन टिकट बुकिंगः तीन अगस्त 2002 को पहली बार भारतीय रेलवे ने घर बैठे इंटरनेट के ज़रिए टिकट बुक कराने की सुविधा शुरू की.

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