क्रिकेट विश्व कप 14 फ़रवरी से ऑस्ट़्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में शुरू हो रहा है.
क्रिकेट के इस महाकुंभ में मैदान और मैदान के बाहर ऐसी कई घटनाएं होती हैं, जो यादों में बस जाती हैं.
10 घटनाएं जिनसे क्रिकेट की दुनिया हैरान हुई
1. सबसे तेज़ शतक
विश्व कप में सबसे तेज़ शतक बनाने का रिकॉर्ड आयरलैंड के केविन ओब्रायन के नाम दर्ज है. उन्होंने 2011 के विश्व कप में 50 गेंदों पर छह छक्कों और 13 चौकों की मदद से शतक जमाया. इससे पहले यह रिकार्ड ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन के नाम था.
2. एक गेंद पर 22 रन का लक्ष्य
रंगभेद की नीतियों के कारण लगे प्रतिबंध के बाद पहली बार 1992 के विश्व कप में खेल रही दक्षिण अफ़्रीका ने ऑस्ट्रेलिया, वेस्ट इंडीज, पाकिस्तान और भारत को हरा कर सेमी फ़ाइनल में जगह बनाई.
सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वर्षा से प्रभावित मैच में उसके खिलाड़ियों का उत्साह ठंडा पड़ गया था. बारिश की वजह ओवर घटा दिए गए.
बारिश के कारण जब खेल रोका गया तब दक्षिण अफ़्रीका को जीत के लिए 13 गेंदों पर 22 रन बनाने थे. बारिश के बाद जब खेल शुरू हुआ तो दक्षिण अफ़्रीका को डकवर्थ लुईस नियम के तहत जीत के लिए 1 गेंद पर 22 रन का नामुमकिन लक्ष्य दिया गया.
3. कैरिबियन सागर में गिरे
साल 2005 के एशेज़ के हीरो एंड्रयू फ़्लिंटॉफ 2007 के विश्व कप के दौरान नशे में धुत्त होकर कैरिबियन सागर में गिर पड़े थे. हुआ यह कि सेंट लुसिया में पहला मैच हारने के बाद वे अपनी टीम के साथियों के साथ बैठकर आठ घंटे तक शराब पीते रहे.
इस दौरान वो कैरिबियन सागर के पानी में गिर पड़े. होटल के कर्मचारियों ने उन्हें बाहर निकाला. यह घटना सामने आने के बाद उन्हें उप कप्तान पद से हटा दिया गया और उन पर एक मैच की पाबंदी लगा दी गई.
4. कपिल बने भारत के आइकॉन
पहले दो विश्व कप वेस्टइंडीज ने लॉर्ड्स के मैदान पर जीते थे. 1983 के विश्व कप का फ़ाइनल एक बार फिर लार्ड्स के मैदान पर ही खेला जा रहा था. इसे जीतकर वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड विश्व कप जीतने की हैट्रिक बनाना चाहते थे. लेकिन एक लम्हे में ही पासा पलट गया.
विवियन रिचर्ड्स ने एक गेंद को मिडविकेट पर हुक किया और भारतीय कप्तान कपिल देव ने मिड ऑन से दौड़ लगाकर इसे लपक लिया. इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और विश्व कप भारत की झोली में आ गया.
5. ड्रग टेस्ट में फेल शेन वार्न
ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर शेन वॉर्न को दक्षिण अफ्रीका में आयोजित विश्व कप के दौरान एक शाम घर वापसी का टिकट पकड़ा दिया गया. दरअसल, वार्न ड्रग टेस्ट में फ़ेल हो गए थे.
ऑस्ट्रेलिया ने दलील दी कि उन्होंने अपनी माँ की सलाह पर वजन कम करने वाली दवा ली थी. अधिकारियों ने उनके एक साल तक क्रिकेट खेलने पर पाबंदी लगा दी. उसके बाद से वार्न अपने देश के लिए कभी भी एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाए.
6. रहस्यमय मौत?
ये विश्व कप उस समय अख़बारों की सुर्खियां बन गया जब पाकिस्तान टीम के कोच बॉब वुल्मर जमैका में अपने होटल के कमरे में मृत पाए गए. इसके एक दिन पहले ही उनकी टीम आयरलैंड से हार गई थी. स्थानीय पुलिस ने हत्या के नज़रिए से इस मामले की जांच शुरू की. पुलिस ने टीम के खिलाड़ियों, प्रशंसकों और सट्टेबाजों के गिरोह पर हत्या का शक जताया. तीन महीने बाद जमैका पुलिस इस निष्कर्ष पर पंहुची की वुल्मर की मौत प्राकृतिक थी.
7. द चोकर्स!
दक्षिण अफ्रीका विश्व कप सुपर सिक्स मैच में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था. इस तरह वह सेमी फ़ाइनल में पहुँचने से रह गया था.
एज़बॉस्टन के मैदान पर खेले गए इस मैच में दक्षिण अफ्रीका के नौ विकेट गिर चुके थे. उसे जीत हासिल करने के लिए अंतिम ओवर में नौ रन की जरूरत थी. लांस क्लुज़नर ने पहली दो गेंदों पर दो चौके लगाकर स्कोर बराबर कर दिया.
इसके बाद एक गेंद पर क्लूज़नर एक रन के लिए दौड़े, लेकिन दूसरी छोर पर खड़े एलन डोनल्ड ने उनकी तरफ देखा तक नहीं. इस तरह क्लुज़नर बीच में ही फंस गए और एडम गिलक्रिस्ट ने उनकी गिल्लियां बिखेर दीं.
8. लोकतंत्र की मौत
8.एंडी फ़्लावर जिम्बॉब्वे के सफल खिलाड़ी थे और हेनरी ओलांगा वहाँ के पहले काले खिलाड़ी थे. दोनों ने हरारे में विश्व कप मैच शुरू होने से पहले रॉबर्ट मुगाबे की दमनकारी सत्ता के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था. पत्रकारों को जारी बयान में दोनों खिलाड़ियों ने अपने देश में लोकतंत्र की मौत की बात कही थी. मैच में वो बांह पर काली पट्टी बांधकर खेले थे. इस घटना ने जिम्बाब्वे में मानवाधिकारों के हनन पर दुनियाभर का ध्यान खींचा. लेकिन यह फ्लावर और ओलांगा के क्रिकेट जीवन का अंत था और दोनों को जिम्बाब्वे से निर्वासित होना पड़ा.
9. डीसिल्वा का जादू
9. साल 1996 में विश्व कप का सह आयोजन करने से पहले श्रीलंका ने 22 में से केवल चार मैचों में जीते थे. लेकिन सुरक्षा कारणों से वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के श्रीलंका में मैच खेलने से इनकार कर देने के बाद श्रीलंका ने आश्चर्यजनक रूप से फ़ाइनल में जगह बनाई.
इसके बाद श्रीलंका को लाहौर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ फ़ाइनल खेलना था, जिसमें वॉ बंधुओं के साथ-साथ, रिकी पोंटिंग, शेन वार्न और ग्लेन मैकग्राथ जैसे खिलाड़ी शामिल थे. इस मैच में अरविंद डी सिल्वा के हरफनमौला प्रदर्शन से श्रीलंका ने कप जीत लिया. डी सिल्वा ने न केवल मार्क टेलर, पोंटिंग, इयान हेली को अपनी फ़िरकी से उलझाकर पैवेलियन की राह दिखाई, बल्कि बाद में बल्ले से नाबाद 107 रन भी बनाए.
10. इतना वज़न और इतने कैच!
बरमुडा के जेल अधिकारी ड्वेन लिवरॉक ने 2007 के विश्वकप में अपने प्रदर्शन से लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया. अपने ग्रुप मैच में भारत के रॉबिन उत्थपा का कैच 127 किलोग्राम वजन वाले डायने ने लपका. यह उनका सौवां कैच था.
इस कैच का जश्न मनाते हुए उनके साथी खिलाड़ी उनके ऊपर लेट गए. बाएं हाथ के इस स्पिनर ने केविन पीटरसन और पॉल कॉलिंगवुड को एक प्रदर्शनी मैच में पैवेलियन की राह भी दिखाई. बरमुडा लौटने पर उन्हें 'स्पोर्ट पर्सनेलिटी ऑफ दि ईयर' और 'एथलीट ऑफ दि ईयर' के सम्मान से नवाजा गया.
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