चीन में विकास के लिए पुरानी इमारतों को हटाना का मुद्दा अक्सर राजनीतिक रूप से काफ़ी संवेदशील विषय रहा है लेकिन ये इन दिनों अपनी ख़ास वजह से चर्चा में है.
चीन के दूसरे शहरों की तुलना में शंघाई में बहुत सारे पुराने वास्तुशिल्प के नमूने बचे हुए हैं लेकिन आर्थिक विकास की बढ़ती गति ने दबे पांव इसके एक बड़े हिस्से में सेंध लगा दी है.
कुछ महीने पहले ऐसे ही दो निर्माण स्थलों पर मलबे के बीच अचानक मर्मस्पर्शी रंगीन पेंटिग्स दिखाई दी.
ये पेंटिग्स भित्तिचित्र कलाकार जूलियन मलांड और चीनी कलाकार शी झेंग के है.
वायरल
बहुत हद तक संभव है कि उनपर किसी का ध्यान नहीं गया होगा लेकिन कुछ दिन पहले जब एक चीनी अख़बार में इनकी तस्वीरें प्रकाशित हुई तो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं.
इन पेंटिंग्स में चीन में दशकों से चल रहे निर्माण कार्य को लेकर हो रहे निराशा की अभिव्यक्ति है.
इन पेंटिग्स में ज़्यादातर बच्चों का चित्रांकन किया गया है.
तस्वीरों में बच्चों को अपने छोटे से घर के साथ दिखाया गया है.
इन पेंटिंग्स की बढ़ रही लोकप्रियता के कारण इन निर्माण स्थलों पर देखने वालों और फ़ोटोग्राफरों का तांता लगा हुआ है.
शादी करने वाले जोड़े इन पेंटिग्स का इस्तेमाल अपनी शादी की तस्वीर में बैकग्राउंड के तौर पर करना चाह रहे हैं.
निरंकुश सरकार
इसने ज़िला प्रशासन के कान खड़े कर दिए. उन्होंने सुरक्षा का हवाला देते हुए इन पेंटिग्स को तुरंत साफ़ करने का आदेश दिया जिसे फ़ौरन अमल में भी लाया गया.
लेकिन कई इंटरनेट यूजर्स सुरक्षा के इस तर्क से सहमत नहीं नज़र आ रहे हैं.
वे सवाल खड़ा कर रहे हैं कि इतनी जल्दबाज़ी में इन पेंटिग्स को क्यों नष्ट किया जा रहा है.
ये कलाकृतियां निश्चित तौर पर राजनीतिक नहीं थी लेकिन ये चीन की विकास संबंधी जल्दबाज़ी को संवेदनशील तरीक़े से रेखांकित करती है.
और इन्हें हटाना इस दौरान निरंकुश सरकार को होने वाली परेशानियों को दर्शाता है.
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