Tuesday, 14 April 2015

अंबेडकर की कुछ दुर्लभ तस्वीरें @संजीव चंदन

डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
भारतीय संविधान के जनक कहे जाने वाले डॉक्टर भीम राव अंबेडकर की 125वीं जंयती मनाने की तैयारियां चल रही हैं.
उनकी विरासत को लेकर देश के राजनीतिक दलों में एक तरह की सियासी खींचातानी भी देखी जा सकती है.
लेकिन इन सब के बीच सवाल उठता है कि अंबेडकर का दौर कैसा रहा होगा, ये तस्वीर इसी की एक बानगी पेश करती हैं.
पहली तस्वीर में मुम्बई के अपने निवास स्थान 'राजगृह' पर डॉक्टर अम्बेडकर और उनका परिवार. बाईं ओर से- उनके पुत्र यशवंत, अम्बेडकर, पत्नी रमाबाई अम्बेडकर, भाभी लक्ष्मी बाई, भतीजा मुकुंदराव और उनका प्यारा कुत्ता टॉबी. 'राजगृह' में अम्बेडकर फरवरी, 1934 में रहने के लिए आए थे.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
अम्बेडकर की मुम्बई की कान्हेरी गुफाओं की सैर. तस्वीर 1952-53 की है.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
तस्वीर नेपाल की राजधानी काठमांडू में 20 नवम्बर 1956 को आयोजित 'बौद्ध भ्रातृ संघ' की चौथी परिषद में अम्बेडकर ने नेपाल नरेश महेंद्र और महास्थविर चंद्रमणि की उपस्थिति में अपना प्रख्यात भाषण 'बुद्ध और कार्ल मार्क्स' दिया.
उनके भाषण का मूल विषय 'बौद्ध धर्म में अहिंसा' था लेकिन उपस्थित प्रतिनिधियों के आग्रह पर उन्होंने विषय बदल लिया.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
औरंगाबाद में महाविद्यालय की इमारत के शिलान्यास के बाद अम्बेडकर डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद को वेरुल की गुफाएं दिखाने ले गए. तस्वीर एक सितम्बर, 1951 की है.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
क़ानून मंत्री डॉक्टर अम्बेडकर हिन्दू कोड बिल पर संसद में चर्चा करते हुए.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
मंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद 18 नवम्बर, 1951 को अम्बेडकर मुम्बई लौट आए.
उस समय मुम्बई प्रदेश शेड्यूल कास्ट्स फेडरेशन और समाजवादी पार्टी की ओर से बोरीबंदर रेलवे स्टेशन पर आयोजित उनके स्वागत कार्यक्रम का एक हंसमुख पल.
रायबहादुर सीके बोले के बैठने की जगह न होने के कारण अम्बेडकर ने उन्हें अपनी गोद में बिठा लिया. उनके साथ में माई अम्बेडकर.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
औरंगाबाद की एक कोर्ट में अम्बेडकर. औरंगाबाद के बार एसोसिएशन ने उनको आमंत्रित किया था. तस्वीर की तारीख 28 जुलाई, 1950.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
अपने शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों का राजनैतिक ज्ञान परिपक्व हो, इस सिलसिले में अम्बेडकर ने मुम्बई के सिद्धार्थ महाविद्यालय की 'विद्यार्थी संसद' में 11 जून, 1950 को हिन्दू कोड बिल के समर्थन में भाषण दिया.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
अखिल भारतीय दलित फेडरेशन का चुनावी घोषणा पत्र, 1946.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
चक्रवर्ती सी राजगोपालाचारी के भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बनने के उपलक्ष्य में सरदार पटेल द्वारा जून 1948 में आयोजित किए गए भोज समारोह में प्रधानमंत्री नेहरू के साथ अम्बेडकर और केन्द्रीय मंत्रीमंडल के अन्य सदस्य..
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
30 जनवरी, 1948 को दिल्ली के बिरला हाउस में महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी और सारा देश हिल गया.
अम्बेडकर बिरला हाउस की तरफ दौड़ पड़े, वहाँ पर कांग्रेसी नेता शंकर राव देव से बातचीत करते हुए.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
धर्मांतरण की घोषणा पर अखबार की प्रतिक्रिया.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
स्वतंत्र मज़दूर पार्टी की ओर से 17 फरवरी 1937 को मध्य मुम्बई निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे अम्बेडकर का मत पत्र. उनका चुनाव चिह्न 'आदमी' था.
डॉक्टर भीम राव अंबेडकर
श्रम मंत्री के रूप में नौ दिसंबर 1943 को अम्बेडकर धनबाद के कोयला खदान मजदूरों की कॉलोनी में गए.
(सभी तस्वीरें दीक्षाभूमि, नागपुर और लोकवांग्मय प्रकाशन से साभार प्राप्त की गई हैं.

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